धनियाँ खाने के फायदे और घरेलु उपचार बताइये l
चेचक की गर्मी कैसे निकालें
चेचक की गर्मी निकालने के लिए धनियाँ पानी में, रात को मिट्टी के बर्तन मेभिगो दे प्रातः इस पनो में चीनी मिलाकर पीलाईएं l इससेमल साफ आता है l आता l
थाइरोइड में साबुत धनिया का पानी पीने के फायदे
थाइराइड ग्रंथि बढ़ जाये, क्रिया उच्च या निम्न हो जाये तो पांच चम्मच सूखा साबुत धनियाँ, एक गिलास पानी में तेज उबाल कर पिलाये l यह सुबह शाम दो बार रोज पिलाये l
मुँह की सुगंध दूर करे
हरा धनियाँ खाने से मुँह में सुगंध रहती है l प्याज़, लहसुन आदि गंध वाली चीजे खाने के बाद हरा धनियाँ मुँह में चाबयें l
रक्ततिसार (खून के दस्त आना)
धनियाँ 15 ग्राम पिसकर उसमे मिश्री 12 ग्राम मिलाकर पानी में घोलकर पीने से दस्त में रक्त आना बंद हो जाता है l
खाने के बाद दस्त लगना
धनियाँ में काला नमक मिलाकर भोजन के पश्चात् एक चम्मच लेने से खाने के बाद दस्त जाने की आदत छूट जाती है l केवल धनियाँ की फंकी लेने से दस्त बंद हो जाते है l
बालक के पेट दर्द, आँव, बदहजमी हो तो धनियाँ और सोंठ का काढ़ा पिलाये बहुत लाभ होगा l
उलटी होने पर धनियाँ का सेवन
उलटी होने पर सूखा या हरा धनियाँ कूटकर उसका पानी निचोड़ कर पांच-पांच बार पिलाने से उलटी रुक जाती है गर्भवती की उलटी भी ठीक हो जाती है l
लू से कैसे बचे
से बचने के लिए धनियाँ के पानी में चीनी मिलाकर पीना चाहिए l
गर्मी के रोगों से बचने के उपाय बताइये
गर्मी के रोग
रात को मिट्टी के बर्तन में दो गिलास पानी में पांच चम्मच सूखा धनियाँ भोगो दे l प्रातः इसमें स्वाद अनुसार मिश्री मिलाकर पीये l गर्मी के रोग ठीक हो जायेंगे ग्रीष्म ऋतू में यह बहुत उपयोगी है l इससे पेशाब में जलन और पेशाब की रुकावट में भी आराम मिलता है l गर्मी के कारण चक्कर और कै में भी लाभ होता है l गर्भवती स्त्री के लिए ज्यादा उपयोगी है l
तेज गर्मी के प्रभाव
गर्मी में चक्कर, उलटी, दिला धड़कने लगता l कोरी हांडी में 100 ग्राम धनियाँ कूटकर डले आधा किलो पनि दाल दे एक घंटा पड़बराहने कर फिर उसमे से आधा कप पानी छानकर और पांच बतासे डालकरर हर तीन घंटे में पिलायें तेज गर्मी के तेज प्रभाव से उतत्पन्न सभी रोगों में लाभ होगा
धनियाँ जलन दूर करने में है कारगर
गले में दर्द व जलन
गले में दर्द व जलन हो तो हर तीन घंटे से दो चम्मच सूखा साबुत धनियाँ चबा चबा कर रस चूसते रहे यह हर प्रकार के गले के दर्द विशेषकर गर्मी से गले में दर्द के लिए लाभदायक है स्वाद के लिए मिश्री साथ में चबा सकते है l
शरीर में जलन
1) शरीर में जलन होने पर रात को चार चम्मच धनियाँ और इतने ही चावल पानी में भिगो दे सुबह गर्म करके पीये l
2) रात को चार चम्मच धनियाँ भिगो दे l सुबह मिश्री डालकर पीसकर छान कर पीये l शरीर की गर्मी और पेट की जलन दूर हो जाएगी l
हाथ पैरो की जलन
हाथ पैरो में यदि जलन हो तो सूखा धनियाँ और मिश्री सामान मात्रा में पीस ले l दो चम्मच दिन में चार बार ठन्डे पानी से ले l हरा धनियाँ और मिश्री भी इसी प्रकार ले सकते है l
पेशाब में जलन
यदि तेज़ प्यास, पेट, शरीर एक मूत्र में जलन हो तो 15 ग्राम धनियाँ रात्रि में भिगो दे l सुबह उसे ठंडाई की तरह पीसकर छानकर मिश्री मिलाकर पीये l इससे हृदय की धड़कन यदि ठीक हो तो ठीक हो जाता है l धनियाँ और चावल रात को भिगोकर प्रातः मसलकर उसी पानी को पीने से भी मूत्र की जलन दूर हो जाती है l
पेशाब में रक्त आना तथा रुकावट
रात को कोरी हांडी में उबलता हुआ पानी भरकर उसमे 30 ग्राम अदकचरा कुटा धनियाँ डाल दे प्रातः उसे मसलकर छान कर 30 ग्राम बतासे डाल दे इसे दिन भर में पांच बार पांच हिस्से करके पिलादे l पेशाब में रक्त आना, रुकावट, दर्द, जलन, बेचैनी में लाभ होगा l
अनिद्रा रोग
नींद कम आने पर हरा धनियाँ पीसकर इसमें चीनी और पानी मिलाकर पीये l इससे अच्छी नींद आती है, आँखों के आगे अंधेरा आना और सिरदर्द बंद हो जाता है l धनियाँ की चटनी खाने से नींद अच्छी आती है l
मासिक धर्म में अधिक रक्त आना
1) 20 गतम धनियाँ 200 ग्राम पानी में डालकर उबाले ज़ब 50 ग्राम पानी रह जाये तो छानकर मिश्री मिलाकर पीला दे l इससे मासिक धर्म में अधिक रक्त आना बंद हो जाता है l
2) पिसा हुआ धनियाँ, देसी बुरा (शक्कर) घी तीनो मिलाकर खाने से रक्त गिरना बंद हो जाता है l
स्वप्नदोष की समस्या
धनिये को पिसकर मिश्री मिलाकर ठन्डे जल से लेने से स्वप्नदोष, मूत्र जलन, सुजाक व उपदंश में लाभ होता है l जो लोग चाहते है कि उन्हें कामवासना न सताए, वे 12 ग्राम सूखा धनियाँ पीसकर पानी में मिलाकर कुछ दिन पीये l
गर्मी के कारण सिरदर्द
1)सूखा धनियाँ दस ग्राम गुठली सहित सूखा आवला पांच ग्राम, रात को मिट्टी के बर्तन में एक गिलास पानी में भिगो दे l प्रातः मलकर मिश्री मिलाकर छानकर पिलाये l यह सिरदर्द में हितकारी है l
2) सिरदर्द में खासकर पित्त की आवशकता से होने वाले सिरदर्द में धनियाँ पीसकर ललाट पर लेप करे l बहुत लाभ होगा l
मस्तिष्क की कमजोरी
125 ग्राम धनियाँ कूटकर 500ग्राम पानी में उबाले जब पानी चौथाई भाग रह जाये तो छानकर 125 गरक़म मिश्री मिलाकर फिर गर्म करें l ज़ब गाड़ा हो जाये तो उतार ले l यह प्रीति दिन दस ग्राम चाटे l मस्तिष्क की कमजोरी से आने वाला आँखों के आगे अंधेरा, जुकाम ठीक होगा l मस्तिष्क की कमजोरी भी ठीक होंगी l
सिर में चककर, उलटी, गर्भवती की उलटी में धनियाँ उबालकर मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है l
रक्त का बहना
50 ग्राम धनियाँ पिसकर एक गिलास पानी में मिलाये l इसमें मीठा मिलाकर छान कर पीये l कही से भी रक्त निकल रहा हो, इससे बंद हो जायेगा l
नकसीेर (नाक से खून बहना)
1) हरे धनिया का रस सुंघाने और पत्तियों को पीसकर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण नाक से बहने वाला रक्त रुक जाता है l
2) धनियाँ रात को भिगो दे l प्रातः पिसकर मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर आना बंद हो जाता है l
3) दस किशमिश, दो चम्मच सूखा धनियाँ और इतनी ही मिश्री एक कांच के गिलास में पानी भरकर भिगो दे l इन्हे पिसकर इसी पानी में छान कर प्रातः पिलाने से नकसीर ठीक हो जाता है l
गैस (Acidity)
दो चम्मच सूखा धनियाँ एक गिलास पानी में उबालकर छानकर उस पानी को तीन बार बराबर मात्रा में पीये l
अरुचि को रूचि में बदलने का उपाय
धनियाँ, छोटी इलाइची, काली मिर्च सामान मात्रा में पिसकर चौथाई चम्मच घी और चीनी मिलाकर लेने से अरुचि दूर होती है l
भूख न लगना
यदि भूख कम लगे तो हरे धनियाँ का रस तीन ग्राम नित्य खाने से भूख लगने लगती है l
अपच होने पर
जिसे भोजन नहीं पछता, जल्दी ही टट्टी जाना पड़ता है l उसे 60ग्राम सूखा धनियाँ 25 ग्राम काली मिर्च, 25 gram नमक तीनो को पिसकर खाना खाने के बाद आधा चम्मच नित्य फंकी लेनी पडती है l
हृदय की धड़कन
यदि हृदय की धड़कन यदि अधिक मालूम होती हो तो सूखा धनियाँ और मिश्री सामान मात्रा मिलाकर एक चम्मच निया ठंडी पानी ले
धनियाँ के सारे विटामिन्स नष्ट होने से बचाये
100 ग्राम धनिये की पत्ती का रस सब्जी में मिलाकर खाने से सभी प्रकार के विटामिन मिल जाते है l सब्जी में धनियाँ पत्ती को पकाने से उसके विटामिन्स नष्ट हो जाते है l इसका कच्चा रस ही काम आता है l
ज्वर की देसी दवा है धनियाँ
धनियाँ की गिरी से ज्वर उतरता है l गर्मी के बुखार में धनियाँ की गिरी का सेवन गुणकारी है l
मलेरिया बुखार
मलेरिया बुखार हो तो धनियाँ और सोंठ दोनों पीसकर आधा-आधा चम्मच मिलाकर रोजाना तीन बार पानी से फंकी लेने से हर प्रकार का सर्दी देकर (ठण्ड लगकर) आने वाला बुखार ठीक हो जाता है l
पेट दर्द
पेट दर्द होने पर धनियाँ का शरबत लाभकारी है l दो चम्मच धनियाँ एक कप पानी में गर्म करके पीये l पेट दर्द में आराम हो जायेगा l
रक्तस्रावी बवासीर
चार चम्मच धनियाँ 250 ग्राम दूध में उबालकर छान कर पीसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से रक्तस्रावी बवासीर में आराम मिलेगा l खुनी बवासीर में मिश्री मिलाकर धनियाँ का रस पीने से तुरंत लाभ होता है l
यकृत (liver)
धनियाँ, सोंठ और काला नमक का चूर्ण बनाकर रखिये l दिन में तीन बार सेवन करे l इससे आपकी मंद अग्नि ठीक होंगी l यकृत को शक्ति, स्फूर्ति मिलेगी और भूख लगेगी l
धनियाँ नेत्र रोगों में हितकारी
नेत्र ज्योति बढ़ाना
हरा धनियाँ अकेला या आवले के साथ पीसकर खाने से आँखों की कमजोरी दूर होती है l और आँखों की ज्योति बढ़ती है l
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद में धनिये को साफ करके कुटकर बारीक़ पीस ले थोड़ा सा धनियाँ पानी में उबाले फिर ठंडा करके कपडे में छान कर नेत्रों में डाले l बहुत फायदा होगा l
बच्चों की आँखे दुखना
बच्चों की आँखे दुखती हो तो थोड़ा सा साबुत धनियाँ पोटली में बाँधकर ठन्डे पानी में डुबो दे दस मिनिट बाद निकालकर उसे बालक की आँख पर फेरे l आँखे दुखना बंद हो जाएगी l
मुँह के छाले का उपचार
मुँह के छालो में धनिये का महीन चूर्ण, बोरक्स अथवा खाने के सोडा में मिलाकर छालो पर लगाने से लाभ होता है l पिसा हुआ धनियाँ छालो पर डालने से भी लाभ होता है l लार आना भी ठीक हो जाता है l हरे धनिये का रस भी छालो पर लगा सकते है l साबुत धनियाँ पानी में उबालकर गरारे करे l
दस्त और कब्ज का इलाज
दस्त व कब्ज में हरा धनियाँ, काला नमक, कालीमिर्च, की चटनी बना कर चाटने से लाभ होता है l ये सुपाच्य रहती है l उल्टियो में मिश्री के साथ सेवन करने से आशातीत लाभ होता है l पैसे हुए धनिये को सेककर एक एक चम्मच पानी से फंकी लेने से दस्त बंद हो जाते है l दस्त में आँव, मरोड़, उलटी, गर्भवती की उलटी, चक्कर, पित्तज्वर हो तो धनियाँ तो धनियाँ के काढे में मिश्री मिलाकर पीये l
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